रूसी स्टार डेनियल मेदवेदेव टेनिस जगत के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने हार के साथ डेब्यू करने के बाद एक साल के भीतर एटीपी फाइनल्स जीता है। एटीपी फाइनल्स जीतने के लिए उन्होंने लगातार 7 मैच जीते।
तोड़ दिया जोकोविच को हराने वाले थीम का सपना ATP Finals: रूस के डेनियल मेदवेदेव ने रचा इतिहास |
रूसी टेनिस स्टार डेनियल मेदवेदेव ने रविवार रात अपने करियर का सबसे बड़ा खिताब जीता। उन्होंने एटीपी फाइनल्स (ATP Finals) के फाइनल में डोमिनिक थीम पर 4-6, 7-6 (2), 6-4 से जीत हासिल की। इसके साथ ही मेदवेदेव ने डोमिनिक थीम एटीपी फाइनल्स जीतने वाले पहले ऑस्ट्रियाई बनने का सपना भी तोड़ दिया।
थीम इस टूर्नामेंट को जीतने के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। उन्होंने हाल ही में अमेरिकी ओपन का खिताब जीता था। थीम ने सेमीफाइनल में शीर्ष वरीय नोवाक जोकोविच को हराया था। एटीपी रैंकिंग में थीम तीसरे और मेदवेदेव चौथे स्थान पर हैं। एटीपी फाइनल्स में यह लगातार पांचवां साल है, जब टूर्नामेंट को नया चैंपियन मिला है। इससे पहले 2016 में एंडी मरे, 2017 में ग्रिगोर दिमित्रोव, 2018 में एलेक्जेंडर ज्वेरेव, 2019 में स्टेफानोस त्सित्सिपास अपने-अपने करियर में पहले बार एटीपी फाइनल्स जीतने वाले खिलाड़ी बने थे।
यही नहीं, मेदवेदेव ने दुनिया का सबसे बड़ा टेनिस टूर्नामेंट जीतने के लिए लगातार सात मैच खेले। इस दौरान उन्होंने दुनिया के टॉप-10 खिलाड़ियों को शिकस्त दी। वह एक ही एटीपी फाइनल्स में वर्ल्ड नंबर वन (नोवाक जोकोविच), वर्ल्ड नंबर 2 (राफेल नडाल) और वर्ल्ड नंबर 3 (डोमिनिक थीम) को हराने वाले पहले खिलाड़ी बने।
2009 में लंदन में हुए पहले एटीपी फाइनल्स को जीतने वाले निकोले डेविडेंको के मेदवेदेव यह खिताब हासिल करने वाले पहले रूसी खिलाड़ी हैं। वह एटीपी इतिहास में सिर्फ चौथे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक ही टूर्नामेंट में दुनिया के शीर्ष-3 खिलाड़ियों को हराया है। वह टेनिस जगत के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने हार के साथ डेब्यू करने के बाद एक साल के भीतर एटीपी फाइनल्स जीता है।
मेदवेदेव ने इस महीने की शुरुआत में पेरिस मास्टर्स जीता था। जीत के बाद मेदवेदेव ने कहा, ‘जब आप उस आत्मविश्वास को पा लेते हैं, तो आपको इसे बनाए रखना होता है। यह मेरे जीवन की सबसे कठिन जीत थी। उम्मीद है कि मैं अपने करियर में और बड़े खिताब जीत सकता हूं।’
मेदवेदेव ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह टेनिस में अद्वितीय है। फुटबॉल में मैंने कुछ खिलाड़ियों को देखा है जो अपने लक्ष्य का जश्न नहीं मनाते हैं, इसलिए मैं अपनी जीत का जश्न नहीं मनाता। यह मेरी बात है, और मुझे यह पसंद है।’ मेदवेदेव और थीम पहली बार 10 साल पहले क्रोएशिया के उमाग में आमने-सामने हुए थे। तब मेदवेदेव महज 14 साल के थे। तब मेदवेदेव को थीम के खिलाफ 0-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।