Fatty Liver Diet: खाना पचाने से लेकर टॉक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में लिवर अहम भूमिका निभाता है
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फैटी लिवर के मरीज क्या खाएं और क्या नहीं.. कैसा होना चाहिए डाइट प्लान, जानें |
जबकि नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज शराब के उपयोग से संबंधित नहीं है। इस बीमारी में लिवर में सूजन हो जाती है या फिर वो संकुचित यानि कि सिकुड़ जाता है। इस वजह से खाना पचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोगों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि फैटी लिवर के मरीजों का डाइट प्लान कैसा होना चाहिए –
इन्हें करें डाइट में शामिल: खाना पचाने से लेकर टॉक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में लिवर अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में लिवर पर अधिक भार न पड़े इसलिए डाइट में हल्का खाना खाने की सलाह दी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार फैटी लिवर से बचने के लिए लोगों को हल्का खाना खाना चाहिए।
कोशिश करें कि डाइट में खिचड़ी, दलिया, सूप, दाल का पानी, हरी पत्तेदार सब्जियां और जूस को अधिक अहमियत दें। इसके अलावा, पत्तागोभी में सल्फर, विटामिन सी और पोटैशियम मौजूद होता है, जो लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है।
इनसे करें परहेज: रिसर्च के अनुसार, शुगर में फ्रुक्टोज और सुक्रोज होता है जिसके कारण लिवर में फैट बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, कैंडीज, सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स, केक, कुकीज जैसे फूड्स को खाने से बचें। वहीं, ऑयली, जंक फूड खाने से भी परहेज करना चाहिए। फैटी लिवर के मरीज को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। बताया जाता है कि शराब का सेवन करने से लिवर की सूजन बढ़ सकती है।
इन पेय पदार्थों से भी होगा फायदा: एक शोध के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट लिवर से फैट को कम करने में मदद करता है और लिवर के कार्य को बेहतर करता है। छाछ, नारियल पानी और ताजा फलों का रस पीने से फैटी लिवर की समस्या कम होती है। इसके अलावा, आंवला का जूस विटामिन सी से भरपूर होता है। वहीं, अनानास के जूस में ब्रोमेलिन होता है जो लिवर को बीमारियों से दूर रखता है।