असली कोरोना वैक्सीन से पहले नकली की बाढ़, 300 डॉलर तक बता रहे कीमत

इंटरनेट पर ऐसी कई पोस्ट मिली हैं जो इलाज के लिए रेंज के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध कराने का दावा कर रही हैं।

असली कोरोना वैक्सीन से पहले नकली की बाढ़, 300 डॉलर तक बता रहे कीमत

कोरोना वायरस महामारी से निपटने का अब एकमात्र तरीका इसका टीका ही दिखाई दे रहा है। उम्मीद है कि जल्द दुनियाभर के देशों को कोविड-19 का टीका मिल जाएगा। हालांकि इस बीच ‘डार्कनेट’ पर नकली टीके की कालाबाजारी शुरू हो गई है। यहां इसके लिए बकायदा सैकड़ों डोमेन चल रहे हैं जो 300 डॉलर तक में कथित टीका बेच रहे हैं।



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अपनी ताजा रिपोर्ट में एक ग्लोबल साइबर सुरक्षा फर्म, चैक प्वाइंट रिसर्च ने कुछ चौंकाने वाली जानकारी साझा की हैं। इसके अनुसार इंटरनेट पर ऐसी कई पोस्ट मिली हैं जो इलाज के लिए रेंज के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध कराने का दावा कर रही हैं। इनमें ‘250 डॉलर में कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध हैं अब कोविड-19 को कहो बाय-बाय’ और ‘जल्दी खरीदो, कोरोना वायरस वैक्सीन आ गई है’ लिखा है। फर्म ने बताया कि डार्कनेट पर कोविड-19 वैक्सीन का व्यापक स्तर पर प्रचार हो रहा है।

नकली कोरोना वैक्सीन को लेकर यूरोपीय यूनियन की एजेंसियों ने इस संबंध में पिछले सप्ताह एक चेतावनी जारी की। इसमें कहा गया, ‘जब कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होगी, बहुत संभव है कि ये ऑनलाइन ब्रिकी के लिए उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि नकली वैक्सीन कोरोना के कथित इलाज के लिए पहले से ऑफलाइन और ऑनलाइन उपलब्ध हैं।’



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चैक प्वाइंट रिसर्च ने बताया कि पड़ताल में हमने पाया कि सभी ‘वैक्सीन’ विक्रेताओं ने बिटकॉइन में भुगतान करने पर जोर दिया है। ताकि उन्हें पकड़ने की संभावना कम से कम रह जाए। इससे डार्कनेट पर बेची रही कोविड-19 वैक्सीन पर संदेह साफ पता चलता है। ऐसे ही एक विक्रेता ने बातचीत में बताया कि वो 0.01 बिटकॉइन यानी करीब 300 डॉलर में वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। उसने कहा कि 14 खुराक लेने की जरुरत होगी।

दूसरी तरफ कोरोना महामारी के खिलाफ भारत में जल्द कारगार टीका आ सकता है। इसके लिए भारत सरकार ने लोगों को शॉर्टलिस्ट करना शुरू कर दिया है। केंद्र ने राज्यों से कहा कि वो जिला स्तर पर NCD स्क्रीनिंग के दौरान इकट्ठा किए डेटा का इस्तेमाल करें। लोगों की पहचान करें जिन्हें अगले साल की शुरुआत में टीका देना है। इसमें 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों की पहचान करने के लिए कहा गया है जो किसी गंभीर बीमार से ग्रस्त हैं। सूत्रों ने कहा मतदाता सूची से इसके लिए मदद ली जाएगी जिससे वैक्सीन देने वाली लोगों की आयु का विवरण मिल सकेगा।

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