किस तरह के व्यक्ति से करनी चाहिए शादी? जया किशोरी ने इस सवाल का क्या दिया जवाब जानिए

Jaya Kishori Motivational Speech: जया किशोरी लाइफ मैनेजमेंट टिप्स और मोटिवेशनल स्पीच के लिए जानी जाती हैं। जीवन से जुड़े अलग-अलग विषयों पर वो समय-समय पर सेमिनार और वेबिनार के माध्यम से बताती हैं।

 किस तरह के व्यक्ति से करनी चाहिए शादी? जया किशोरी ने इस सवाल का क्या दिया जवाब जानिए


Jaya Kishori: जया किशोरी लाइफ मैनेजमेंट टिप्स और मोटिवेशनल स्पीच के लिए जानी जाती हैं। 



style="display:block"
data-ad-client="ca-pub-4669332297958929"
data-ad-slot="6440906807"
data-ad-format="auto"
data-full-width-responsive="true">


जीवन से जुड़े अलग-अलग विषयों पर वो समय-समय पर सेमिनार और वेबिनार के माध्यम से बताती हैं। साथ ही जया किशोरी ‘नानी बाई रो मायरा’ और ‘श्रीमद्भावत कथा’ के लिए भी बहुत प्रसिद्ध हैं। उनकी कथा सुनने वालों को उनकी अनूठी कथा वाचन शैली बहुत पसंद है।

किशोरी जी की कथा के दौरान भजन और राजस्थानी भाषा का प्रयोग कथा सुनने वालों को बहुत पसंद आता है। किशोरी जी लाइफ से जुड़ी परिस्थितियों के बारे में बहुत विस्तार से बताती हैं, इसलिए सेमिनार के दौरान हजारों लोग उन्हें सुनने के लिए शांति से बैठे रहते हैं।

पिछले दिनों एक सेमिनार के दौरान ही जया किशोरी से पूछा गया कि आजकल वैवाहिक जीवन में बहुत कम लोग ही खुश रह पाते हैं, इसकी क्या वजह है और कैसे व्यक्ति से शादी करें तो रिश्ता अच्छा चल सकता है।

इस सवाल का जवाब देते हुए किशोरी जी ने कहा कि शास्त्रों में शादी को जन्म-जन्मांतर का रिश्ता बताया गया है और शादी कोई व्यक्ति रोज-रोज नहीं करता है। 



style="display:block"
data-ad-client="ca-pub-4669332297958929"
data-ad-slot="6440906807"
data-ad-format="auto"
data-full-width-responsive="true">

इसलिए शादी करने से पहले अपने होने वाले जीवनसाथी के साथ बात करें और उनके साथ समय व्यतीत करें। ऐसा करने से एक-दूसरे के स्वभाव और व्यवहार के बारे में पता चलता है। साथ ही यह भी पता चलता है कि आप इस व्यक्ति के साथ अपनी पूरी जिंदगी व्यतीत कर पाएंगे या नहीं।

किशोरी जी आगे कहती हैं कि शादी ऐसे व्यक्ति से नहीं करनी चाहिए जिसकी सारी बातें आपको अच्छी लगें क्योंकि जो आदतेें आपको अच्छी लग सकती हैं वो पूरी दुनिया को अच्छी लग सकती हैं। इसलिए शादी हमेशा ऐसे व्यक्ति से करनी चाहिए जिसकी कमियों को आप स्वीकार कर सकें। अपने जीवनसाथी को उन आदतों के खराब होने की वजह बताते हुए उन आदतों को आप बदल सकें या फिर जिन आदतों के साथ जीवन व्यतीत करने में आपको परेशानी महसूस न हो।

एक-दूसरे की कमियों को स्वीकारना और उन खराब आदतों को बदलने के लिए कोशिश करना भी प्यार का ही एक स्वरूप माना जाता है। इसलिए एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत करते हुए सिर्फ सकारात्मक ही नहीं बल्कि नकारात्मक पक्षों के बारे में भी कम-से-कम एक बार विचार जरूर करें ताकि भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके।

{ads}