अध्ययन दर्शाते हैं कि भारत में तकरीबन 84 फीसदी गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है, जिससे उन्हें और उनके शिशुओं को काफी खतरा रहता है।
क्या गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी लेने की जरुरत है? निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए |
यदि आपको गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी हो और बाद में आप शिशु को स्तनपान करवाती हैं, तो शिशु को शायद जन्म के शुरुआती महीनों में जरुरी विटामिन डी न मिल पाए।
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गर्भावस्था में नियमित विटामिन डी के अनुपूरक लेने के बारे में एकमत नहीं है, मगर कई देशों में इसकी सलाह दी जाती है। इसलिए, इस बारे में अपनी डॉक्टर से बात कर लें।
हमारी विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी नाबर के अनुसार 20एनजी/एमएल से कम की रीडिंग विटामिन डी की कमी को दर्शाता है, वहीं 30एनजी/एमएल की रीडिंग का मतलब है कि शरीर में विटामिन डी का स्तर अपर्याप्त है।
आपकी जांच रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर आपको अनुपूरक के बारे में बताएंगी, जो कि आपके विटामिन डी के स्तर को सुधारेंगे और आपको इससे होने वाली परेशानियों से सुरक्षा प्रदान करेंगे।
अनुपूरकों को रोजाना या साप्ताहिक लिया जा सकता है या फिर आपको इंजेक्शन के जरिये एक उच्च खुराक दी जा सकती है, ताकि आपके विटामिन डी के स्तर में सुधार हो।
बहरहाल, आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
अनुपूरक तभी लें जब जांच में विटामिन डी की कमी की पुष्टि हो
हमेशा वे अनुपूरक ही लें जो गर्भवती महिला को लेने की सलाह दी जाती है
विटामिन डी एक फैट सोल्यूबल विटामिन है और शरीर में काफी मात्रा में संग्रहित हो सकता है। आपको इसके अनुपूरक चिकित्सकीय निगरानी में लेने चाहिए, ताकि आप जरुरत से ज्यादा खुराक न ले सकें।
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गर्भावस्था में विटामिन डी महत्वपूर्ण क्यों है?
विटामिन डी आपके शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तरों को ठीक रखने में मदद करता है। आपको अपनी हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम और फॉस्फेट की जरुरत होती है।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में पर्याप्त विटामिन डी न होने पर आपको शायद हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जरुरी मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फेट न मिल पाए।
आमतौर पर आपका शरीर यह सुनिश्चित करता है कि शिशु को सभी जरुरी पोषक तत्व मिलें। इसलिए यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो, तो आपके शिशु को भी अपनी जरुरत से कम कैल्शियम मिलेगा। इसकी वजह से उसके दांत व हड्डियां कमजोर विकसित होंगे और दुर्लभ मामलों मे उसे सूखा रोग (रिकेट्स) भी हो सकता है।
विटामिन डी आपकी संक्रमणों से लड़ने में भी मदद करता है।
गर्भावस्था में विटामिन डी के स्तर में कमी को कम जन्म वजन शिशु होने के खतरे के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
इसलिए गर्भावस्था की शुरुआत में होने वाली जांचों में विटामिन डी की जांच करवाना भी मानक प्रक्रिया हो गई है। यदि आपके विटामिन डी के स्तर की कभी जांच नहीं की गई, तो डॉक्टर से पूछें कि आपके मामले में यह जांच करवाना जरुरी है या नहीं।