Type 2 Diabetes: हाइड्रेटेड रहने के लिए लगातार पानी पीना जरूरी है। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
Diabetes Patients Diet: डायबिटीज एक जीवन शैली से जुड़ा मेटाबॉलिक डिसॉर्डर के कारण होने वाला रोग है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर मधुमेह के मरीजों को टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित होने की शिकायत है।
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इस स्थिति में शरीर में इंसुलिन तो बनता है लेकिन बॉडी उस हार्मोन को रिस्पॉन्ड नहीं कर पाती है। इंसुलिन रेजिजटेंस के कारण शारीरिक सेल्स तक ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता है जिससे लोगों में ऊर्जा की कमी हो जाती है। टाइप 2 डायबिटीज न केवल बुजुर्गों में बल्कि नौजवानों व बच्चों में भी देखने को मिलती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हेल्दी डाइट से इस बीमारी का खतरा व इसके असर को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं –
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण:
बार-बार प्यास लगना
पेशाब अधिक लगना
ज्यादा भूख लगने की शिकायत
वजन में अत्यधिक गिरावट
थकान
धुंधला दिखना
संक्रमण व घाव ज्यादा होना
हेल्दी कार्ब्स का करें चुनाव: डाइटिशियन के अनुसार हेल्दी कार्ब्स का चुनाव करना आवश्यक है। यूं तो डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से परहेज करना चाहिए। मगर कुछ हेल्दी कार्ब्स जैसे कि होल ओट्स, बकव्हीट शामिल कर सकते हैं।
फाइबर से भरपूर होनी चाहिए डाइट: विशेषज्ञों के मुताबिक सफेद ब्रेड और चावल जैसे फूड्स जिनमें फाइबर नहीं मौजूद होता है, उन्हें खाने से बचना चाहिए। सीमित मात्रा में खाना खाएं। साथ ही डाइट में उन फूड्स को शामिल करें जिनमें फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे में मधुमेह रोगियों को ब्रोकली, स्प्राउट्स, गाजर, एस्पारागस, हरे मटर और गोभी खाएं।
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स्नैक्स में क्या खाएं: एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज रोगियों को दूसरों की तुलना में ज्यादा फूड क्रेविंग होती है। ऐसे में उन्हें हेल्दी स्नैक्स का सेवन करना चाहिए। मरीज चाहें तो दही, बिना नमक वाले नट्स, सीड्स, फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। जबकि बिस्किट, चिप्स और चॉकलेट खाने से बचना चाहिए।
ड्रिंक्स के समय रखें खास ख्याल: हाइड्रेटेड रहने के लिए लगातार पानी पीना जरूरी है। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसलिए 7 से 8 गिलास पानी पीना चाहिए। वहीं, सोडा, एयरेटेड ड्रिंक्स, मीठा शरबत और फ्रूट जूस पीने की भी मनाही होती है।
नॉन वेजिटेरियंस रखें ख्याल: मांसाहारी लोगों को अपनी डाइट में रेड मीट अथवा प्रोसेस्ड मीट के सेवन से बचना चाहिए। इन्हें खाने से मरीजों में हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ता है। अंडे की सफेदी, मछली, चिकेन का सेवन डायबिटीज के मरीज कर सकते हैं।